और हम मुजरिम बन गए
मकर सक्रांति आई नही कि पंतग उडाने का जूनून सिर चढ कर बोलता है. राजस्थान हो या गुजरात , हरियाणा हो या पंजाब पतंगबाजी का उल्लास हर जगह देखने को मिलता है. हम अपनी डोर, अपना मांझा और मजबूत और तेज करवाने के चक्कर में ना जाने अनगिनत पक्षियों को जाने अनजाने घायल कर जाते हैं.
बेशक,पतंग लूटने के चक्कर में बच्चें कई बार छ्त से गिर जाते हैं या सडक पर दुर्धटना भी हो जाती है… इन सभी बातों से हमें सावधान रहना है … और हमारे निरीह, मासूम पक्षियों पर भी रहम करना है और उनकी नजरों में मुजरिम नही बनना … प्लीज .. रहम …
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