(गूगल से साभार चित्र) कविता- अलमारी कमरे मे माँ की अलमारी नही अलमारीनुमा पूरा कमरा है जिसमे मेरे लिए सूट है,साडी है सामी के लिए खिलौना है इनके लिए परफ्यूम है सन्नी के लिए चाकलेट है एक जोडी चप्पल है सेल मे खरीदा आचार,मुरब्बा और मसाला है बर्तनो का सैट है शगुन के लिफाफा है […]
माँ को भी याद आती है
माँ को भी याद आती है अक्सर माँ को भी याद आती है अपनी माँ की हर बात उसका वो नर्म हाथो से रोटी का निवाला खिलाना होस्टल छोडने जाते हुए वो डबडबाई आखों से निहारना उसका पल्लू पकड़कर आगे पीछे घूमना उसके प्यार की आचँ से तपता बुखार उतर जाना कम अंक लाने […]
कब छटेंगे बादल
कब छटेंगे बादल मन में भाव तो हमेशा ही उमड़ घुमड़ कर आते रहते थे पर ये पहली बार थी जब इन विचारों की दिशा मिली. कब छटेंगे बादल मेरी पहली कविता है. बेशक, कविता नकारात्मक सोच से शुरु हुई पर अंत सकारात्मक रहा. आखिर कब छटेंगे बादल…. दल में बादल, गहरे बादल, काले बादल […]
Nature
Nature Nature (poem) एक तरफ तपता सूरज जलती धरा मन बेचारा अकेला पड़ा………बेसहारा दूसरी ओर नन्हा पौधा गर्मी की मार सह ना सका और पनपते ही कुम्हला गया काश मिल जाता किसी का सहारा या फिर शीतल धरा और पनप जाता पर…… वो चुपचाप…….खामोश सा पड़ा रहा मन भी ऐसा ही है खामोश, चुपचाप एकदम […]
Thanksgiving Prayer
Thanksgiving Prayer धन्यवाद हे प्रभु इतना अपनापन दिया आपने हमने आपको आप नही “तू” का दिया सम्बोधन धन्यवाद हे प्रभु तुमने जो स्रष्टि रची फल,फूल, पौधो का दिया नायाब उपहार धन्यवाद हे प्रभु तेरे उस प्रतिबिम्ब के लिए जो तूने धरा को दिया “नारी” के रुप मे तूने अपनी कमी को पूरा कर दिया धन्यवाद […]