पहचान (कविता) नन्हू की चाची दिव्या की मौसी गीता की ताई नीरु की आंटी जमुना की बाई जी दीप की भाभी लीना की देवरानी रानो की जेठानी सासू माँ की बहू रानी माँ की मोना पति की सुनती हो रामू की बीबी जी मणि की मम्मी इन नामो से मेरी पहचान कही गुम हो […]
माँ
माँ सुखद अहसास है माँ जिसमे रुई की सी कोमलता शहद की सी मिठास तेल की धार जैसा सतत बहता प्यार लेकिन एक दिन अचानक मायने बदल गए शादी के बाद माँ के माँजी होते ही वो सुखद अहसास हवा हो गए क्योकि उस “जी” मे छिपी थी कठोरता, कडकपन और पराएपन की सी अनबुझी […]
जी में आता है
जी में आता है … (कविता) जी में आता है ये बदल दू वो बदल दूं कुछ ऐसा लिखू कि मच जाए हलचल सुप्त समाज मे भर दूं नव चेतना भर दू रंग इस बेरंग दुनिया में अंधियारी गलियो मे भर दूं नई रोशनी फिर अनायास ही ठिठक जाती हूं क्योंकि मैं भी उसी समाज […]
इतवारी धूप
इतवारी धूप ( कविता) रोजमर्रा की भाग दौड में अक्सर धूप नजर नही आती पर मेरे घर का है एक कोना जंहा से इतवारी धूप छ्न छ्न कर है आती उस कोने मे किरणे अपने कणो से अठखेलियां है करती रिझाती, उलझाती, सहलाती और अपनी तपिश से नई स्फूर्ति जगाती खिला खिला रहता है […]
Mahila
Mahila Mahila नामक कविता मैनें नारी जगत को प्रेरित करने के लिए लिखी है. असल में, हम महिलाए, अक्सर घबरा कर चुपचाप बैठ जाती है जबकि अगर हम हिम्मत , बहादुरी और दिलेरी से सामना करेंगें तो मुसीबत दुम दबाती नजर आएगी .. ऐसे तनाव भरे माहौल से महिलाओ को जागृत करने के लिए इसे […]